*पर्व हैं, त्योहार हैं, मगर जनसेवा-जनसुरक्षा का फर्ज है सबसे बढ़कर*
*पुलिस-प्रशासन के एक्साइज टीम ने फील्ड पर संभाला मोर्चा, नियंत्रण में रहे हालात*

फील्ड ड्युटी में वरिष्ठ अधिकारियों और सहयोगी स्टाफ के साथ मीरा 

इंदौर।। रंग किसे पसंद नहीं,कौन है जो रंगों में भीगना नहीं चाहता,मगर सबको ये सुनहरा अवसर नहीं मिलता है। फर्ज की जिम्मेदारियों को निभाने में ही पर्व-त्योहार गुजर जाते हैं,फि भी जनसेवा का संकल्प लेने वाले कोई शिकायत नहीं करते। हर बार की तरह इस दफा भी होलिका दहन की शाम से प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, एक्साइज, इलेक्ट्रिक और फायर सेफ्टी सर्विस के अधिकारी-कर्मचारी सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के लिए सड़कों पर उतर गये थे। जिला दंडाधिकारी के निर्देश पर एक्साइज डिपार्टमेंट के अफसर और कर्मचारी ड्राई डे का पालन कराने के लिए सक्रिय हो गए। लायसेंसी दुकानों को सील कराने से लेकर होटल बार, रेस्टोरेंट और ढाबों की चेकिंग में पूरी ताकत झोंक दी गई। इसी कड़ी में *एडीईओ दीपेंद्र चौहान के मार्गदर्शन में* आबकारी सर्किल बाल्दा कालोनी इंचार्ज मीरा सिंह भी अपनी टीम के साथ फील्ड में उतर गईं थीं। पहले शॉप क्लोजिंग,फिर पेट्रोलिंग, चेकिंग और आखिर में कंट्रोल रूम जाकर आधुनिक तीसरी आंख के जरिए हालातों का जायजा लेने के बाद रात करीब 3 बजे घर लौटीं,तो शुक्रवार को रंगोत्सव के बीच सीनियर अधिकारियों के मार्गदर्शन में लगातार पेट्रोलिंग कर सर्किल में शांति कायम रखी तो कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड देखकर स्थितियों पर नजर बनाए रखी।
कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी 

         *ड्युटी के बीच होली का सेलिब्रेशन*
होली के दिन हुई घरेलू जिम्मेदारियों को पूर्ण कर, परिवार के साथ रंग भरे कुछ पल बिताने के बाद फिर निकल पड़ी सरकारी ड्युटी के लिए। अपनी टीम को साथ लेकर मीरा लगातार फील्ड में सक्रिय नजर आई और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में आदेश निर्देश का पालन कराने के साथ स्टाफ के साथ होली सेलिब्रेट कर सभी को शुभकामनाएं दीं।।

*आसान नहीं फील्ड की ड्यूटी*

होली के त्योहार पर ड्यूटी बहुत कठिन होती है,खासकर एक्साइज में, सीमित संसाधनों के सहारे बड़े इलाके की निगरानी करने की जिम्मेदारी रहती है और कारवाई भी करनी होती है। ज्यादातर पिछड़ी गरीब बस्तियों में अवैध शराब का कारोबार होता है और वहां जाकर कारवाई करना कितना चुनौतीपूर्ण होता ये बात मीरा सिंह से बेहतर कोई नहीं जानता,मगर एक दफा भी ऐसा नहीं हुआ कि मीरा को खबर लगी हो और एक्शन लेने से उन्होंने कदम पीछे हटाए हों।अपनी सूझबूझ, बहादुरी और नेतृत्व क्षमता से वो हर जगह सफल होती आई हैं।
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