समाजसेवा को हॉबी नहीं आदत बनाएं,आईए अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएं


भोजन वितरण के दौरान अपनी टीम के साथ मीरा


 इंदौर।। वसुधैव कुटुम्बकम यानी कि पूरा विश्व एक परिवार है।इस भावना से प्रेरित होकर अनगिनत निष्काम कर्मयोगी समाज के लिए अपने सामर्थ्य के अनुरूप फर्ज का निर्वहन कर रहे हैं। अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग परेशानियों से जूझ रहे लोगों के चेहरों पर दो पल का सुकून,थोड़ी देर के लिए मुस्कान लाने में अगर सफल हो पाएं हम तो मानव रूप में धरा पर आने का उद्देश्य सफल हो जाएगा।ऐसे ही विचारों से प्रेरित होकर  मध्यप्रदेश आबकारी विभाग में कार्यरत होकर इंदौर में सेवारत की सब इंस्पेक्टर मीरा  पारिवारिक और शासकीय जिम्मेदारियों के साथ लगातार समय-समय पर सेवा कार्य करती रहती हैं। मीरा सिंह के इन कार्यों में उनकी टीम भी हांथ बंटाने का अवसर हांथ से जाने नहीं देती। अक्सर ड्युटी के बाद घर जाने से पहले मीरा और उनकी टीम शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम वाई में भोजन सामग्री, कंबल, कपड़े वितरित करने के अलावा, वृद्धाश्रमों,अनाथ, शारीरिक-मानसिक रुप से दिव्यांग बच्चों के लिए जरुरत की चीजें उपलब्ध कराती है तो गरीब बस्तियों में भी शैक्षणिक सामग्री और वस्त्र वितरण कर उनकी छोटी सी मदद करने में पीछे नहीं रहती। 

*हम सब एक परिवार,और परिवार की मदद करना हमारी जिम्मेदारी*

मीरा कहती हैं कि हम सब एक परिवार हैं और परिवार की सहायता करने में किसी को झिझक, शर्म संकोच नहीं करना चाहिए। इसी समाज में कोई अवसर का सही लाभ उठाकर आगे बढ़ गया तो कोई किसी वजह से पीछे रह गया ,मगर जो आगे नहीं बढ़ पाया उसे कमजोर नहीं समझना चाहिए, बल्कि साथ और विश्वास देना चाहिए कि वो भी समाज का अभिन्न अंग है।अमीरी गरीबी, पढ़े-लिखे और अनपढ़ , जात-पात के चश्मे ऊपर उठकर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का पालन करना होगा तभी समाज प्रगतिशील, स्वस्थ और सुरक्षित बन पाएगा।

*संकल्प लेकर जुट जाएं*

इसलिए हम सभी को संकल्प लेकर जीव सेवा का कर्तव्य निभाना चाहिए। जो जहां है वहीं अपने सामर्थ्य के अनुरूप जिम्मेदारी लेकर जुट जाए, इसके लिए शोर-शराबे और प्रचार प्रसार की आवश्यकता नहीं है। सेवा सहायता में दिखावा नहीं होना चाहिए, क्यूंकि जहां दिखावा है वहां मानव सेवा वास्तविक मकसद नहीं हो सकता।
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